साक्षरता बारहमासा जून (गर्मी)
साक्षरता की गर्मी से हम, मौसम को सहलाएं 750/9.7.95
गर्मी से गर्मी को काटें, साक्षरता फैलाएं-
1.आतप-वर्षा, सर्दी-गर्मी, आते-जाते रहते
ये तो धर्म हैं जब मौसम के, परेशान क्यों रहते?
हम भी अपना धर्म निभाएं, तनिक नहीं घबराएं
गर्मी से गर्मी को काटें, साक्षरता फैलाएं-
2.गर्मी को हौवा माना तो, काम नहीं कुछ होगा
सर्दी भी तौबा करवाए, तब फिर क्या-क्या होगा?
वर्षा भी है एक समस्या, क्या हम चुप रह जाएं?
गर्मी से गर्मी को काटें, साक्षरता फैलाएं-
3.पढ़ने को खरबूज़ा समझें, लिखने को तरबूज़ा
गिनने को हम आम समझ लें, नहीं बहाना दूजा
जागरुकता और कार्यकुशलता, प्रेम से और बढ़ाएं
गर्मी से गर्मी को काटें, साक्षरता फैलाएं-