गीत/नवगीत

साक्षरता बारहमासा जून (गर्मी)

साक्षरता की गर्मी से हम, मौसम को सहलाएं                                               750/9.7.95
गर्मी से गर्मी को काटें, साक्षरता फैलाएं-

 
1.आतप-वर्षा, सर्दी-गर्मी, आते-जाते रहते
ये तो धर्म हैं जब मौसम के, परेशान क्यों रहते?
हम भी अपना धर्म निभाएं, तनिक नहीं घबराएं
गर्मी से गर्मी को काटें, साक्षरता फैलाएं-

 

2.गर्मी को हौवा माना तो, काम नहीं कुछ होगा
सर्दी भी तौबा करवाए, तब फिर क्या-क्या होगा?
वर्षा भी है एक समस्या, क्या हम चुप रह जाएं?
गर्मी से गर्मी को काटें, साक्षरता फैलाएं-

 

3.पढ़ने को खरबूज़ा समझें, लिखने को तरबूज़ा
गिनने को हम आम समझ लें, नहीं बहाना दूजा
जागरुकता और कार्यकुशलता, प्रेम से और बढ़ाएं
गर्मी से गर्मी को काटें, साक्षरता फैलाएं-

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244