गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

मन वचन और कर्म पर विश्वास रख
तन की बगिया में सदा मधुमास रख

जीत जायेगा जिन्दगी की जंग तू
रंजिश ना रख मुहब्बत पास रख

तूफां आकर के चला जायेगा यूँ
हिम्मत की पतवार अपने पास रख

तन्हाइयों में भी मुस्कराना सीख ले
काबू में मन इच्छाओं को दास रख

‘व्यग्र’ जीवन सिर्फ जीने के लिए
पेशानी ना पकड़ तू उल्लास रख

विश्वम्भर पाण्डेय ‘व्यग्र’

विश्वम्भर पाण्डेय 'व्यग्र'

विश्वम्भर पाण्डेय 'व्यग्र' कर्मचारी कालोनी, गंगापुर सिटी,स.मा. (राज.)322201