गीत/नवगीत

मोहन मेरे आए हैं

होली-गीत

 

प्रेम का लेके गुलाल, मोहन मेरे आए हैं
संग ले बाल-गोपाल, मोहन मेरे आए हैं-

 
1.भर पिचकारी हर्षित होकर
रंग ले नीले-पीले-लाल मोहन मेरे आए हैं-

 
2.भीगी राधा भीगीं सखियां
मन में न कोई मलाल मोहन मेरे आए हैं-

 
3.होरी-फाग गाएं नर-नारी
देने डफली से ताल मोहन मेरे आए हैं-

 

 

4.अबीर-गुलाल मलने मुख ऊपर
लेकर नाम-त्योहार मोहन मेरे आए हैं-

 
5.बाजत ताल मृदंग झांझ ढप
मुरली बजाने नंदलाल मोहन मेरे आए हैं-

 

 

6.गुझिया-समोसे के थाल भरे हैं
खाने-खिलाने नंदलाल मोहन मेरे आए हैं-

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244