मुक्तक/दोहा

मुक्तक

फ़रेबी लोग ऐसे है, कि पल-भर में बदल जाते
जिगर जिनके बने पत्थर, भला कैसे पिघल जाते 
महक पाई सुमन से तो, करों में भी चुभे कांटे
मिले कोई गुलिस्तां भी, बिना देखे निकल जाते ।

नीतू शर्मा 'मधुजा'

नाम-नीतू शर्मा पिता-श्यामसुन्दर शर्मा जन्म दिनांक- 02-07-1992 शिक्षा-एम ए संस्कृत, बी एड. स्थान-जैतारण (पाली) राजस्थान संपर्क- [email protected]