मुक्तक/दोहा गुमनाम ! कामनी गुप्ता 17/03/2017 क्यूं एक दिन वो गुमनाम हो जाता है पल पल अपना जो संघर्ष में बिताता है करके न्योछावर अपना सारा जीवन भी बागबां फिर आखिर में क्या पाता है। कामनी गुप्ता*** जम्मू !