काव्यमय कथा-5 : दो बिल्लियां और बंदर
नीलू-शीलू लगीं झगड़ने,
रोटी कौन बड़ी खाएगा?
”बंदर मामा, तुम्हीं बता दो,
रोटी कौन बड़ी पाएगा?”
छोटी एक तराजू लेकर,
रोटी लगा तोलने बंदर,
थोड़ी-सी भारी पलड़े से,
रोटी तोड़ खा गया बंदर.
पलड़ा अब दूजा भारी था,
उसका भी कुछ टुकड़ा खाया,
सारी रोटी खाते देखकर,
बिल्लियों का अब जी घबराया.
बोलीं, ”रहने दो अब मामा,
स्वयं फैसला हम कर लेंगी”,
बाकी भी खा, बंदर बोला,
अब लड़ने का मज़ा चखें जी.