कविता

पानी का पानी कर दो

अब दूध का दूध करो मोदी
पानी का पानी कर दो
भटके हुए युवाओं में
भगत की जवानी भर दो
तन भी निर्मल मन भी निर्मल
औ निर्मल तेरी बाणी है
तपसी रूप देख लगता
तू अन्य नक्षत्र का प्राणी है
खल बचन सहे तुमने कितने
उतना भगवान् न सह पाए
शिशुपाल का वे वध डाले
औ तुम दुष्टो पर मुस्काये
अद्भुत सहनशील हो तुम
सहिष्णुता के सार हो तुम
कौटिल्य कूटनीति के हो
नीति के एक संसार हो तुम
छल छद्म द्वेष पाखण्ड झूठ
रत्ती भर तुझे न छू पाया
माया तुझसे हार गई
माया की नहीं चली माया
जो तुझको गाली देते थे
अब खुद वे गाली पाते है
हंसने की बात है दूर बहुत
अब ठीक से रो नहीं पाते है
जो गीत तू लिखने बैठे हो
वह गीत जुगो सब गाएँगे
धर्म जाती के ब्यापारी
माँथा धुन धुन पछतायेंगे
सोये हुए देश में फिर
एक नई रवानी भर दो

राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय

रिटायर्ड उत्तर प्रदेश परिवहन निगम वाराणसी शिक्षा इंटरमीडिएट यू पी बोर्ड मोबाइल न. 9936759104