काव्यमय कथा-7 : मेहनत से ही सफलता मिलती है
कौआ एक बड़ा प्यासा था,
उड़कर पहुंचा एक बाग में,
जहां पड़ा था एक घड़ा पर,
पानी था थोड़ा-सा उसमें.
खूब निराश हुआ पर फिर भी,
हिम्मत को न जवाब दिया,
आसपास पड़े थे कंकड़,
एक उठाकर डाल दिया.
जैसे-जैसे कंकड़ डाले,
पानी ऊपर को था आया,
पानी ऊपर आते देखकर,
कौआ मन-ही-मन हर्षाया.
आखिर पानी ऊपर आया,
पानी पीकर प्यास बुझाई,
मेहनत से मिलती है सफलता,
सबको ही यह राह सुझाई.