कविता

शाम सुहानी….

बीती जा रही शाम सुहानी
एक तेरे आने की आस
दिल में लगी…..

पलकों पे सज रही ख्वाब सुहानी
चांदनी रातों में शुरू होगी
अपनी प्रेम कहानी……

तुम चाँद और मैं चकोर तुम्हारी
न हो कोई दूरियां
दरम्यान हमारी……

नैन बिछाए देख रही
राह तुम्हारी
आ जाओ अब जल्दी
बीती जा रही शाम सुहानी…..

दिख जाए गर् तेरी परछाई
दौड़ी-भागी चली आउंगी
एक तुम्हे पाकर दिलवर
होगी इस दिल की तमन्ना पूरी।

*बबली सिन्हा

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