कविता

आरक्षण और दलित

दलित- दलित चिल्लाने से, दलित विकास नहीं होगा,
केवल आरक्षण लाने  से, दलितों का भला नहीं होगा।
सेंक रहे जो अपनी रोटी, आरक्षण के चूल्हे पर बैठ,
पड़ी मुसीबत गर तुम पर तो, उनका पता नहीं होगा।
शिक्षा और ज्ञान की बातें, नहीं किसी की जागीर बनी,
शिक्षित दलित समाज बनेगा, कोई दबा नहीं होगा।
योग्यता आधार बने, सब एक दूजे का मान करें,
जाति- धर्म की दीवारों पर, सत्ता का खेल नहीं होगा।
डॉ अ कीर्तिवर्धन