मुक्तक/दोहा

दोहे : जल

जल जीवन, जल सांस है, जल से बुझती प्यास !
जल से ही मुस्कान है, जल से ही है हास !!

जल से फल, जल है फसल, जल तो है वरदान !
जब तक जल तब तक मिले, नदिया को सम्मान !!

प्रो. शरद नारायण खरे

*प्रो. शरद नारायण खरे

प्राध्यापक व अध्यक्ष इतिहास विभाग शासकीय जे.एम.सी. महिला महाविद्यालय मंडला (म.प्र.)-481661 (मो. 9435484382 / 7049456500) ई-मेल[email protected]