सामाजिक

सोशल मीडिया का महत्व

निःसंदेह वर्तमान में फेसबुक व व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया के माध्यमों में परस्पर परिचय,मित्रता,आत्मीयता व जानकारियों के साथ ही भावनाओं के आदान-प्रदान में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है ! अपरिचितों के मध्य मैत्री सम्बंधों की स्थापना,बिछुड़ों की खोज,भावनात्मक संवेगों का आदान-प्रदान,आपसी घनिष्टता ये समस्त विषिष्टताएं हमें सोशल मीडिया में दृष्टिगोचर होती हैं !
मैत्री व भाईचारे की दृष्टि से सोशल मीडिया की व्यापक रूप में सकारात्मक भूमिका है ! प्रेम,अपनत्व,सौहार्द,सहिष्णुता ,सद्भाव प्रसारित करने में  सोशल मीडिया की निश्चित रूप से सार्थक भूमिका है,और इस दृष्टि से सोशल मीडिया व्यापक रूप में सफल भी रहा है !
पर संकीर्ण व दूषित मानसिकता के लोग इस सशक्त माध्यम का दुरुपयोग भी करने में संलग्न है ,जिससे परस्पर वैमनस्य, कट्टरता,दुर्भाव,असहिष्णुता,उन्माद,फूहड़ता,असामाजिकता,अराष्ट्रीयता,अमानवीयता,अनैतिकता,स्त्री-असम्मान, असांस्कृतिकता, साम्प्रदायिकता,जातिगत विव्देष,वर्गभेद, जातिगत संघर्ष व क्षेत्रवाद आदि को प्रोत्साहन मिल रहा है  ! पर यह दोष सोशल मीडिया का नहीं है, न ही यह उसकी असफलता है,बल्कि इसके लिए वे दोषी हैं,जो इसका दुरुपयोग कर रहे हैं,और इसका नकारात्मक प्रयोग कर उसे अपयश का पात्र बना रहे हैं !
वास्तव में इस समय अपरिपक्व मानसिकता के स्तरहीन,असभ्यों की बहुतायत है ! ऐसे लोग ही सोशल मीडिया को प्रदूषित कर रहे हैं ! यही कारण है जो कि मैत्री व भाईचारे के स्थान पर कटुता व तनाव व्यक्तिगत व सामाजिक स्तर पर पल्लवित होने लगता है ! यह कदापि भी उचित नहीं माना जा सकता ! इसीलिए आवश्यक यही है कि समग्र विवेक व चेतना के साथ ही फेसबुक/व्हाट्सएप का प्रयोग किया जाए ! विभिन्न प्रकार के समूह बनाकर लोग अस्वस्थता व दूषित इरादों के पोषण में लगे हैं ! यह पूर्णतः अनुचित है ! लोगों को इस सबसे बचना चाहिए ,यह मानसिक रुग्णता का प्रतीक है !६
मैं सोशल मीडिया की सकारात्मक भूमिका को नमन् करता हूं,और उसका नकारात्मक प्रयोग करने वालों की भर्त्सना करता हूं !
प्रो.शरद नारायण खरे

*प्रो. शरद नारायण खरे

प्राध्यापक व अध्यक्ष इतिहास विभाग शासकीय जे.एम.सी. महिला महाविद्यालय मंडला (म.प्र.)-481661 (मो. 9435484382 / 7049456500) ई-मेल-khare.sharadnarayan@gmail.com