गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

जीवन में खुशहाली रखना
कभी नहीं बदहाली रखना

भले ही मौसम हो रूखा सा
पर अधरों पर लाली रखना

आतंकी सब मिट जाएंगे
पर जयकारा काली रखना

कोई हो बदजात भले ही
कभी न लब पर गाली रखना

वतन इसे रखना संभालकर
मन में हरदम माली रखना

दुर्गुण बह जाएं सारे ही
ऐसी ही बस नाली रखना

जो औरों का पेट भर सके
ऐसी घर पर थाली रखना

जो बुराई पर कर दे हमला
ऐसा साथ मवाली रखना

हो सीमाया देश के भीतर
हरदम ही रखवाली रखना

“शरद” लिखा हो जिस पर इंसां
कानों में वह बाली रखना

प्रो. शरद नारायण खरे

*प्रो. शरद नारायण खरे

प्राध्यापक व अध्यक्ष इतिहास विभाग शासकीय जे.एम.सी. महिला महाविद्यालय मंडला (म.प्र.)-481661 (मो. 9435484382 / 7049456500) ई-मेल[email protected]