कविता

कविता : समर्पण

शब्द गीतों को समर्पित
प्राण जीवन को समर्पित
और क्या अर्पण करु तुम्हें मै
मेरा सब कुछ तुमको समर्पित ।

मन की हर बात समर्पित
वीणा के हर तार समर्पित
मेरी बाँहों का हार समर्पित
बगिया की बहार समर्पित ।

मुझे सबका जो स्नेह मिला है
उनको भी मेरा नेह समर्पित
मन समर्पित ,तन समर्पित
जीवन का हर आनन्द समर्पित ।

सपना परिहार 

सपना परिहार

श्रीमती सपना परिहार नागदा (उज्जैन ) मध्य प्रदेश विधा -छंद मुक्त शिक्षा --एम् ए (हिंदी ,समाज शात्र बी एड ) 20 वर्षो से लेखन गीत ,गजल, कविता ,लेख ,कहानियाँ । कई समाचार पत्रों में रचनाओ का प्रकाशन, आकाशवाणी इंदौर से कविताओ का प्रसारण ।