जाग वीर
मार्ग दुर्गम सही
पर रुकना नहीं
वतन पर मर मिटे
वीर तो है वही !
बाधाएं हज़ार रहें
कदम बड़ते कहें
दुश्मन कांप जाए
हुंकार जब भरें !
मां भारती करे पुकार
जाग वीर कर विचार
जुल्म की इंतहा हुई
अब कर तू प्रहार !
हिम्मत बड़ती जाए
शान्ति डसती जाए
दुश्मन ना समझ है
वीर को कायर बताए !
अब चुप रहेंगे नहीं
अमानवता सहेंगे नहीं
हम शिवाजी राणा हैं
सर यह झुकेंगे नहीं !
कामनी गुप्ता***
जम्मू !