कविता

जाग वीर

मार्ग दुर्गम सही
पर रुकना नहीं
वतन पर मर मिटे
वीर तो है वही !

बाधाएं हज़ार रहें
कदम बड़ते कहें
दुश्मन कांप जाए
हुंकार जब भरें !

मां भारती करे पुकार
जाग वीर कर विचार
जुल्म की इंतहा हुई
अब कर तू प्रहार !

हिम्मत बड़ती जाए
शान्ति डसती जाए
दुश्मन ना समझ है
वीर को कायर बताए !

अब चुप रहेंगे नहीं
अमानवता सहेंगे नहीं
हम शिवाजी राणा हैं
सर यह झुकेंगे नहीं !

कामनी गुप्ता***
जम्मू !

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |