गीत/नवगीत

दोहा गीत “बदले रीति-रिवाज”

हैवानों की होड़ अब, करने लगा समाज।
खौफ नहीं कानून का, बदले रीति-रिवाज।।

लोकतन्त्र में न्याय से, होती अक्सर भूल।
कौआ मोती निगलता, हंस फाँकता धूल।।
धनबल-तनबल-राजबल, जन-गण रहे पछाड़।
बच जाते मक्कार भी, लेकर शक की आड़।।
माँ-बहनों के रूप की, लगती बोली आज।
खौफ नहीं कानून का, बदले रीति-रिवाज।१।

मोटी रकम डकार कर, करते बहस वकील।
गद्दारों के पक्ष में, देते तर्क-दलील।।
नर-नारी की खान को, अबला रहे पुकार।
बेटों को तो लाड़ हैं, बेटी को दुत्कार।।
सिंह मानसर में गये, बगुले करते राज।
खौफ नहीं कानून का, बदले रीति-रिवाज।२।

पुरुषप्रधान समाज में, नारी का अपकर्ष।
अबला नारी का भला, कैसे हो उत्कर्ष।।
बेमन से मनते यहाँ, घर में पुत्री पर्व।
बेटी पर करते नहीं, लोग आज भी गर्व।।
भोली चिड़ियों को यहाँ, लील रहे हैं बाज।
खौफ नहीं कानून का, बदले रीति-रिवाज।३।

सपनों की सुन्दर फसल, अरमानों का बीज।
कल्पनाओं से हो रही, मन में अब तो खीझ।।
बेमौसम की आँधियाँ, दिखा रही औकात।
कैसे डाली पर टिकें, आज पुराने पात।।
पागल यौवन शान से, मना रहा ऋतुराज।
खौफ नहीं कानून का, बदले रीति-रिवाज।४।

गुलदस्ते में अमन के, अमन हो गया गोल।
कौन हमारे चमन में, छिड़क रहा विषघोल।।
धर्म वहाँ कैसे टिके, जहाँ घृणित हों काम।
काम-पिपासा बढ़ रही, देख “रूप” का घाम।।
कर्मों की गति देख कर, धर्म हुआ मुहताज।
खौफ नहीं कानून का, बदले रीति-रिवाज।५।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)

*डॉ. रूपचन्द शास्त्री 'मयंक'

एम.ए.(हिन्दी-संस्कृत)। सदस्य - अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग,उत्तराखंड सरकार, सन् 2005 से 2008 तक। सन् 1996 से 2004 तक लगातार उच्चारण पत्रिका का सम्पादन। 2011 में "सुख का सूरज", "धरा के रंग", "हँसता गाता बचपन" और "नन्हें सुमन" के नाम से मेरी चार पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। "सम्मान" पाने का तो सौभाग्य ही नहीं मिला। क्योंकि अब तक दूसरों को ही सम्मानित करने में संलग्न हूँ। सम्प्रति इस वर्ष मुझे हिन्दी साहित्य निकेतन परिकल्पना के द्वारा 2010 के श्रेष्ठ उत्सवी गीतकार के रूप में हिन्दी दिवस नई दिल्ली में उत्तराखण्ड के माननीय मुख्यमन्त्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा सम्मानित किया गया है▬ सम्प्रति-अप्रैल 2016 में मेरी दोहावली की दो पुस्तकें "खिली रूप की धूप" और "कदम-कदम पर घास" भी प्रकाशित हुई हैं। -- मेरे बारे में अधिक जानकारी इस लिंक पर भी उपलब्ध है- http://taau.taau.in/2009/06/blog-post_04.html प्रति वर्ष 4 फरवरी को मेरा जन्म-दिन आता है