लघुकथा

अपनी लड़ाई

रूबी को उदास देख कर उसकी दादी ने प्यार से सर पर हाथ फेरा।
रूबी ने उनका हाथ थाम कर कहा “दादी पापा मुझे फिल्म मेकिंग का कोर्स करने से मना कर रहे हैं। मैं वाइल्ड लाइफ पर फिल्में बनाना चाहती हूँ। पर पापा कहते हैं कि तुम कहाँ जंगलों में भटकोगी।”
दादी उसके पास बैठ कर बोलीं “मेरे समय में लोग औरतों का नौकरी करना पसंद नहीं करते थे। जब मैंने अपने पिता जी से नौकरी करने की बात की तो वह बहुत नाराज़ हुए। लेकिन मैं भी अपने फैसले पर अडिग रही। उन्होंने इजाज़त दे दी।”
रूबी ने प्रशंसा भरी दृष्टि से दादी को देखा।
दादी ने आगे कहा “अब समय बदल गया है। औरतें नौकरी करने लगी हैं। लेकिन कुछ क्षेत्रों को लोग अभी भी उनके लिए सही नहीं मानते। अब तुम्हारी बारी है।”
रूबी अपनी दादी का आशय समझ गई “दादी आगे की लड़ाई अब आज की औरतें लड़ेंगी।”

*आशीष कुमार त्रिवेदी

नाम :- आशीष कुमार त्रिवेदी पता :- C-2072 Indira nagar Lucknow -226016 मैं कहानी, लघु कथा, लेख लिखता हूँ. मेरी एक कहानी म. प्र, से प्रकाशित सत्य की मशाल पत्रिका में छपी है