लघुकथा

योगदान

रौशन अपनी नई फैक्ट्री शुरू करने की खुशी में पार्टी दे रहे थे। इस अवसर पर बुलाए जाने वाले मेहमानों की सूची देखते हुए उनकी पत्नी ने आपत्ति की “आपने चाचा जी को क्यों बुलाया है?”
रौशन हंस कर बोले “मेरी सफलता में सबसे बड़ा योगदान तो उनका ही हैं।”
पत्नी ने कुछ गुस्से से कहा “कैसे?? उन्होंने तो मुझे अस्पताल पहुँचाने के लिए अपनी कार देने से भी मना कर दिया था।”
रौशन बोले “सोंचो यदि उस दिन उन्होंने कार दे दी होती तो मैं सिर्फ मांगने लायक ही रह पाता।”
कुछ सोंच कर आगे बोले “उन्होंने ताना दिया कि कार का शौक है तो खुद खरीद लो। उनके इस जवाब ने ही मुझे खुद की पहचान बनाने को प्रेरित किया।”

*आशीष कुमार त्रिवेदी

नाम :- आशीष कुमार त्रिवेदी पता :- C-2072 Indira nagar Lucknow -226016 मैं कहानी, लघु कथा, लेख लिखता हूँ. मेरी एक कहानी म. प्र, से प्रकाशित सत्य की मशाल पत्रिका में छपी है