आ गया सावन
लो फिर आ गया है सावन
सबका मतवारा यह सावन
गीत गायेंगी मिलकर सखियाँ
प्रेम से विभोर होंगी अँखियाँ
प्रीतम को पुकारेंगी गीतों में
खुद को संवारेंगी गीतों में
गरजेंगे बादल , बिजली चमकेगी
पिया मिलन की आस भड़केगी
होगा शृंगार , हरित धरा का
हरियाली चहुँ और बिखरेगी
खिलेगा यौवन , बरसेंगे बादल
प्रेम विभोर हो गरजेंगे बादल
सावन भादों की लग जाएगी ज़डीयां
हाथों पर खनकेंगी चूडियां
नाचेंगे मोर , अपने पंख फैलाये
इंतज़ार रहे कब यह ऋतू आये