राही तेरा राह से…
राही तेरा राह से नाता।
जग तोड़े तुझसे प्रीत।
जगत में ना कोई तेरा।
स्वारथ के नातों में तू क्यों भटका।
मंज़िल तेरे सामने फिर क्यों घबराया।
राही तेरा राह से नाता।
तूफानों को देख नाव कब घबराई
क्या कोई किश्ती बिना तेरे बापिस घर आई
साथी मिले राह में कोई नहीं जरूरी
टूटेंगे पाहन भी पथ के
तू चल अकेला
राही तेरा राह से नाता