कविता

राही तेरा राह से…

राही तेरा राह से नाता।
जग तोड़े  तुझसे प्रीत।
जगत में ना कोई तेरा।
स्वारथ के नातों में तू क्यों भटका।

मंज़िल तेरे सामने फिर क्यों घबराया।
राही तेरा राह से नाता।

तूफानों को देख नाव कब घबराई
क्या कोई किश्ती बिना तेरे बापिस घर आई
साथी मिले राह में कोई नहीं जरूरी

टूटेंगे पाहन भी पथ के
तू चल अकेला

राही तेरा राह से नाता

विकास कुमार शर्मा

पुत्र- स्व. श्री भगवान सहाय शर्मा माताजी का नाम - श्रीमती सरस्वती देवी शर्मा जन्म तिथि- 24 अक्टूबर 1982 शैक्षिक योग्यता - एम.ए.(हिंदी) , बी.एड. एम.ए.(शिक्षा) साहित्यिक गतिविधियां सन 2003 में जयपुर दूरदर्शन के कल्याणी कार्यक्रम में प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ स्लोगन रचनाकार के रूप में सम्मानित । सन 2015 में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति जुबिन इरानी द्वारा सी.बी.एस. ई. के हिंदी विषय के सर्वश्रेष्ठ परीक्षा परिणाम हेतु सम्मानित । अनेक पत्र पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित पता- 35/338 , शिवपुरी - बी गंगापुर सिटी, जिला -सवाईमाधोपुर ,राजस्थान-322201 फोन-07665150750 Email-vikasggc82@gmail.com