राजनीति के बदलते रूप
आज देश की राजनीति का रूप फैशन की तरह बदलता जा रहा है। देखा जाए तो राजनीति का मतलब कभी ऐसा निती जो राज हुआ करता था अब न निति ही रहा और न राज आज जनता के सामने नेताओ की निति नंगी हो चुकी है। सही मायनों में देखा जाए तो इसका कारण वोट हासिल करने का पैमाना ही इसका मूल कारण है।जात -पात, धर्म, भाषा,क्षेत्रीयता और आरक्षण के आंगन मे ही नेताओं के वोटों का फूल खिलते है और जनता भी इन्हीं आधारों पे बटकर नेताओं के हाथों का कठपुतली बनकर रह गया है। तो क्या इससे देश का विकास हो पाएगा? नहीं न। हमें देश के विकास के लिए सबसे पहले अपने मानसिकता को विकसित करनी पड़ेगी तभी अपने स्वस्थ विचारों के आधार पर चलकर देश को हम विकसित कर पाऐंगे । आजादी के जंग मे जो शहीद हुए और देश के प्रहरी हमारी रक्षा के लिए सीमा पे दिन रात अपने बाल बच्चों और परिवार को छोड़कर अपनी जान की बाजी लगा रहे है उनके खातिर और अपने देश की एकता और अखंडता के लिए हमें बदलते राजनीतिक रूप को सही पटरी पे लाने की जरूरत है।अगर हम अपनी सोच में से अपने स्वार्थ को त्याग दे और देश के लिए सोचे और अपने आने वाली पीढ़ी के लिए सोचे तो बेहतर होगा क्योंकि हमारी पिछली पीढ़ी ने हमारे लिए सोची थी तभी हम आजाद देश में सांस ले रहे है। आईए हमसब मिलकर देश की राजनीतिक माहौल को ठीक करे तभी नेताओं की मानसिकता भी बदलेगी और तभी देश का विकास हो पाएगा और हम अपनी आजादी की रक्षा भी कर पाऐंगे। जय हिन्द । जय भारत।
— मृदुल शरण