राष्ट्र भाषा हिन्दी के दोहे (हिन्दी दिवस पर)
हिन्दी हितकर है सदा, हिन्दी इक अभियान !
हिन्दी में तो आन है, हिन्दी में है शान !!
हिन्दी सदा विशिष्ट है, हिन्दी है उत्कृष्ट !
हिन्दी अपनायें सभी, होकर के आकृष्ट !!
कला और साहित्य है, पूर्ण करे अरमान !
हिन्दी में है उच्चता, “शरद” सभी लें मान !!
हिन्दी का उत्थान हो, हिन्दी का सम्मान !
हिन्दी पर अभिमान हो, हिन्दी का गुणगान !!
हिन्दी तो समृध्द है, हिन्दी है सम्पन्न !
हिन्दी माने हीन जो, वह नर सदा विपन्न !!
हिन्दी में सामर्थ्य है, हिन्दी में है तेज !
हिन्दी तो सचमुच सरल, क्षमता से लबरेज !!
हिन्दी में अध्यात्म है, हरसाता है धर्म !
लेखक,कवि जो कह रहे, समझे हर इक मर्म !!
हिन्दी है भाषा बड़ी, संस्कार की धूप !
हिन्दी है हितकर सदा, दास होय या भूप !!
भाषा हिन्दी राष्ट्र की, लिये राष्ट्र हित भाव !
हिन्दी भाषी नित रखें, निज भाषा का ताव !!
संस्कार पोषित करे, अनुशासन-उद्घोष !
हिन्दी हमको दे रही, सच्चाई का होश !!
— प्रो. शरद नारायण खरे