कविता

दोषी कौन……..?

दे दूं मैं दोष किसे यह बतलाओ,
मिटती मानवता का कारण बतलाओ।
अभी-अभी जो जन्मा उसका दोषी कौन,
कैसा विकास? जन्म सड़क पर समझाओ।।

तन का रक्त बहा सड़क पर,
शर्म हया बह गया सड़क पर।
गरीबों से सुविधाऐं सौ कदम दूर,
मां तन ढके या दर्द सहे बैठ सड़क पर।।

यह तस्वीर बहुत ही डराती है,
अब तो शर्म खड़ी शर्माती है।
बेशर्मों में लूट मची है रातों दिन,
मां बैठ सड़क पर घबराती है।।

धिक्कार मुझे, तुझको, उसको भी थोड़ा सा,
बंद आंख किये चल दिए नहीं रोका थोड़ा सा।
थोड़ी-थोड़ी लालच ने भ्रष्टाचार बढ़ाया है,
चल रोकूं मैं, तू भी चल, उसको भी बुला थोड़ा सा।।

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।। प्रदीप कुमार तिवारी।।
करौंदी कला, सुलतानपुर
7537807761

प्रदीप कुमार तिवारी

नाम - प्रदीप कुमार तिवारी। पिता का नाम - श्री दिनेश कुमार तिवारी। माता का नाम - श्रीमती आशा देवी। जन्म स्थान - दलापुर, इलाहाबाद, उत्तर-प्रदेश। शिक्षा - संस्कृत से एम ए। विवाह- 10 जून 2015 में "दीपशिखा से मूल निवासी - करौंदी कला, शुकुलपुर, कादीपुर, सुलतानपुर, उत्तर-प्रदेश। इलाहाबाद मे जन्म हुआ, प्रारम्भिक जीवन नानी के साथ बीता, दसवीं से अपने घर करौंदी कला आ गया, पण्डित श्रीपति मिश्रा महाविद्यालय से स्नातक और संत तुलसीदास महाविद्यालय बरवारीपुर से स्नत्कोतर की शिक्षा प्राप्त की, बचपन से ही साहित्य के प्रति विशेष लगव रहा है। समाज के सभी पहलू पर लिखने की बराबर कोशिस की है। पर देश प्रेम मेरा प्रिय विषय है मैं बेधड़क अपने विचार व्यक्त करता हूं- *शब्द संचयन मेरा पीड़ादायक होगा, पर सुनो सत्य का ही परिचायक होगा।।* और भ्रष्टाचार पर भी अपने विचार साझा करता हूं- *मैं शब्दों से अंगार उड़ाने निकला हूं, जन जन में एहसास जगाने निकला हूं। लूटने वालों को हम उठा-उठा कर पटकें, कर सकते सब ऐसा विश्वास जगाने निकला हूं।।* दो साझा पुस्तके जिसमे से एक "काव्य अंकुर" दूसरी "शुभमस्तु-5" प्रकाशित हुई हैं