लापरवाही
जहां जन्म सड़क पर होता है,
और कंधे पर लाशें ढोईं जायें।
वहां मुफ्त में डाटा बंटता है,
आंटो पर इज्जत खोई जाये।।
धन का अभाव दुर्भाग्य बना,
ऐसा ही सब बतलाते हैं।
जीवन रक्षक गैस नहीं तो,
नवजात यूं ही मर जाते हैं।।
पटरी काट के बैठ गए,
परमिशन लेना भूल गए।
गाड़ी आई और टूट गई,
सांसें कितनों की छूट गई।।
कुछ लापरवाही जानबूझकर,
सरकारी सेवा लूटपाट कर।
अफसर रखते जेब में अपने,
आंखें अपनी मूंद मांदकर।।
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।। प्रदीप कुमार तिवारी।।
करौंदी कला, सुलतानपुर
7537807761