ग़ज़ल : हर कहानी ये कहेगी जिंदगी
हर कहानी ये कहेगी जिंदगी
आजमाती ही रहेगी जिंदगी
जख्म मिलते है यहाँ औ दर्द भी
मुस्कुरा कर आज सहती जिंदगी।
सर झुकाया तो इबादत हो गई
होंसला भी साथ लाती जिंदगी।
ये बदलते दौर का है फलसफा
आईना भी तो दिखाती जिंदगी।
वक्त पर क्यों वक्त भारी हो गया
मौत को भी साथ लाती जिंदगी।
— जयंती सिंह “मोहिनी”