गीत/नवगीत

शिक्षक दिवस (5 सितम्बर) पर विशेष : गुरु-वंदना

वंदन है,नित अभिनंदन है, हे गुरुवर नित तेरा ।
फूल बिछाये पथ में मेरे, सौंपा नया सबेरा ।।

भटक रहा था भ्रम के पथ पर,
राह दिखाई मुझको
गहन तिमिर को परे हटाया,
नमन् करूं मैं तुझको

आशाओं के सावन में है अरमानों का डेरा ।
शीश झुकाऊं हे परमेश्वर, भाग्य मेरा यूं फेरा ।।

मायूसी से मुझे निकाला,
कर दी नव संरचना,
आज शिष्य यह गौरवधारी,
गुरु तेरी ही सृजना

मैं तो था अपात्र, अविवेकी, गुरु तूने ही टेरा ।
वंदन है, नित अभिनंदन है, हे गुरुवर नित तेरा ।।

प्रो. शरद नारायण खरे

*प्रो. शरद नारायण खरे

प्राध्यापक व अध्यक्ष इतिहास विभाग शासकीय जे.एम.सी. महिला महाविद्यालय मंडला (म.प्र.)-481661 (मो. 9435484382 / 7049456500) ई-मेल[email protected]