आई-आई है मेरे अंगनवा
आई-आई है मेरे अंगनवा, मुरलीवाले की प्यारी सवारी
अब तो डंका बजाके कहूंगी, महकी किस्मत की प्यारी फुलवारी-
कभी चलते थे मेरे आगे-आगे, मुझे रस्ता दिखाते बनवारी
उनकी ऐसी अदा पे बलिहारी, महकी किस्मत की प्यारी फुलवारी-
कभी चलते थे मेरे पीछे-पीछे, कहीं रस्ता भटक ही न जाऊं
उनकी ऐसी अदा पे बलिहारी, महकी किस्मत की प्यारी फुलवारी-
कभी चलते थे हाथ पकड़ के, लड़खड़ाके कहीं न गिर जाऊं
उनकी ऐसी अदा पे बलिहारी, महकी किस्मत की प्यारी फुलवारी-
कभी आके नयन मूंदते थे, पूछते कौन मैं तेरी प्यारी
उनकी ऐसी अदा पे बलिहारी, महकी किस्मत की प्यारी फुलवारी-
हर कदम पे प्रभु हैं संग मेरे, उनकी हर इक अदा है निराली
अब तो आए हैं मेरे अंगनवा, जाऊं अपने मोहन पर वारी-
(तर्ज़- मेरे सांवरे-सलोने कन्हैया, तेरा जलवां कहां पर नहीं है——–)
आदरणीय बहनजी ! बहुत सुंदर सरल व सुमधुर धुन से युक्त भजन लाजवाब बन पड़ा है । सुंदर भजन के लिए धन्यवाद ।
बढ़िया भजन, बहिन जी !
प्रिय विजय भाई जी, अत्यंत सटीक व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आपका हार्दिक आभार.
सुन्दर भजन लीला बहन .
प्रिय गुरमैल भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको भजन बहुत सुंदर लगा. अत्यंत सटीक व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आपका हार्दिक आभार.