भजन/भावगीत

आई-आई है मेरे अंगनवा

आई-आई है मेरे अंगनवा, मुरलीवाले की प्यारी सवारी
अब तो डंका बजाके कहूंगी, महकी किस्मत की प्यारी फुलवारी-

कभी चलते थे मेरे आगे-आगे, मुझे रस्ता दिखाते बनवारी
उनकी ऐसी अदा पे बलिहारी, महकी किस्मत की प्यारी फुलवारी-

कभी चलते थे मेरे पीछे-पीछे, कहीं रस्ता भटक ही न जाऊं
उनकी ऐसी अदा पे बलिहारी, महकी किस्मत की प्यारी फुलवारी-

कभी चलते थे हाथ पकड़ के, लड़खड़ाके कहीं न गिर जाऊं
उनकी ऐसी अदा पे बलिहारी, महकी किस्मत की प्यारी फुलवारी-

कभी आके नयन मूंदते थे, पूछते कौन मैं तेरी प्यारी
उनकी ऐसी अदा पे बलिहारी, महकी किस्मत की प्यारी फुलवारी-

हर कदम पे प्रभु हैं संग मेरे, उनकी हर इक अदा है निराली
अब तो आए हैं मेरे अंगनवा, जाऊं अपने मोहन पर वारी-

(तर्ज़- मेरे सांवरे-सलोने कन्हैया, तेरा जलवां कहां पर नहीं है——–)

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

5 thoughts on “आई-आई है मेरे अंगनवा

  • राजकुमार कांदु

    आदरणीय बहनजी ! बहुत सुंदर सरल व सुमधुर धुन से युक्त भजन लाजवाब बन पड़ा है । सुंदर भजन के लिए धन्यवाद ।

  • विजय कुमार सिंघल

    बढ़िया भजन, बहिन जी !

    • लीला तिवानी

      प्रिय विजय भाई जी, अत्यंत सटीक व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आपका हार्दिक आभार.

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    सुन्दर भजन लीला बहन .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको भजन बहुत सुंदर लगा. अत्यंत सटीक व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आपका हार्दिक आभार.

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