न अभिमान कर …
न अभिमान कर,
वर्तमान का,
पद का,
प्रतिष्ठा का,
और इसकी ऊंचाइयों का !
होगा कोई और,
कल इसका वारिस !!
कल…भूतकाल बन,
ये आज…
रखा होगा,
चंद पन्नों और तस्वीरों में !
निरर्थक, उपेक्षित
और कबाड़ सा…
नई पीढ़ी के लिए !!
अंजु गुप्ता
न अभिमान कर,
वर्तमान का,
पद का,
प्रतिष्ठा का,
और इसकी ऊंचाइयों का !
होगा कोई और,
कल इसका वारिस !!
कल…भूतकाल बन,
ये आज…
रखा होगा,
चंद पन्नों और तस्वीरों में !
निरर्थक, उपेक्षित
और कबाड़ सा…
नई पीढ़ी के लिए !!
अंजु गुप्ता