बेबस बागबां
तजुर्बे से लवरेज,
बेबस बागबां !
उपेक्षित,,,
स्नेहिल रिश्तों द्वारा !
नि:शब्द हो,
चाहें,,,
जीवन से रिहाई !!
अंजु गुप्ता
तजुर्बे से लवरेज,
बेबस बागबां !
उपेक्षित,,,
स्नेहिल रिश्तों द्वारा !
नि:शब्द हो,
चाहें,,,
जीवन से रिहाई !!
अंजु गुप्ता