दिल लगाकर कब किसी को चैन यारों मिल सका है
जिंदगी ने जिस तरह हैरान हमको कर रक्खा है
मन कभी करता है मेरा जिंदगी की जान ले लूँ
दिल लगाकर कब किसी को चैन यारों मिल सका है
पूजते पत्थर जहाँ में, मैं पत्थरों की शान ले लूँ
हसरतें पूरी हो जव तो खूब भाती जिंदगी है
ख्वाव दिल में पल रहे शख्श के अरमान ले लूँ
प्यार की बोली लगी है अब आज के इस दौर में
प्यार पाने के लिए क्या कीमती सामान ले लूँ
हर कोई अपनी तरह से यार जीवन जी रहा है
जानकर इसको “मदन “जिंदगी का गान ले लूँ
मदन मोहन सक्सेना