मर गया है किस कदर आँखों का पानी देखिये
मर गया है किस कदर आँखों का पानी देखिये
पुज रही है आदमी की बदग़ुमानी देखिये
खौफ़ में हैं ख़ानदानी लोग बेहद आजकल
बन गये ड़ाकू लुटेरे ख़ानदानी देखिये
हर तरफ़ लगने लगी हैं बोलियाँ ईमान की
ग़ुम रही है आदमीयत की निशानी देखिये
दे रहे हैं गालियाँ गौरवमयी इतिहास को
माननीयो की वतन के बदज़ुबानी देखिये
कब्र में थे पाँव जिनके जब उन्हे कुर्सी मिली
लौट कर फिर आ गयी उनकी जवानी देखिये
कँपकँपाते लोग दिखते हैं कहीं फुटपाथ पर
और कुछ की हैं बड़ी रातें सुहानी देखिये
देख कर तनहा किसी की याद ने हमसे कहा
दिल बहल जायेगा तस्वीरें पुरानी देखिये
सतीश बंसल
२९.११.२०१७