।।साथ चलें।।
चलो आज मुखातिब होते हैं,
बातें दो चार संजोते है,
सब बातें कह दो तुम अपनी,
हम अपनी पीड़ा धोते हैं।
चलो आज मुखातिब होते हैं…….
राजनीति के छल छंदों से आगे बढ़कर,
क्षेत्र विकास हित गलें मिले आगे बढ़कर,
जो बैठा गद्दी पर अपना हित साधेगा,
अपना हक उससे छीनें चलें आगे बढ़कर।।
एक-एक कर टूट-टूट कर हम निकलें तो,
टूटी माला की मोती सा हम बिखरें तो।
कुछ हासिल न होगा सब मिट जायेगा,
सब निखरेंगे, एक साथ हम निकलें तो।।
चलो आज मुखातिब होते हैं,
बातें दो चार संजोते है,
सब बातें कह दो तुम अपनी,
हम अपनी पीड़ा धोते हैं।
चलो आज मुखातिब होते हैं…….
🙏🙏🙏🙏🙏
।। प्रदीप कुमार तिवारी।।
करौंदी कला, सुलतानपुर
7978869045