कवितापद्य साहित्य

// बहुत बड़ी जिम्मेदारी है..//

// बहुत बड़ी जिम्मेदारी है….//

यह एक लोक है
अक्षरों का,
भावी पीढ़ी की रास्ता
अब इन्हीं अक्षरों पर है,
बहुत बड़ी जिम्मेदारी है
संभाल के चलना,
अक्षरों के टेडेमेढ़े को
हम ही सुधारना,
युग – युगों की भूल है
फिर से गलती न होना,
पक्ष – विपक्ष का नहीं
मानवता का पक्ष है,
दीन – दुःखितों का
सहारा देते हुए आगे बढ़ना,
कुटिल तंत्रों के जाल को
चीरते – चकनाचूर करते
स्वार्थमय चिंतन पर
हथौड़ा डालते
सुंदर जग की ओर
ऐसी अच्छी रास्ता
इन्हीं अक्षरों से बनता है।
बहुत बड़ी जिम्मेदारी है,
अक्षरों को हाथ में लेना,
संभाल के चलना।

पी. रवींद्रनाथ

ओहदा : पाठशाला सहायक (हिंदी), शैक्षिक योग्यताएँ : एम .ए .(हिंदी,अंग्रेजी)., एम.फिल (हिंदी), सेट, पी.एच.डी. शोधार्थी एस.वी.यूनिवर्सिटी तिरूपति। कार्यस्थान। : जिला परिषत् उन्नत पाठशाला, वेंकटराजु पल्ले, चिट्वेल मंडल कड़पा जिला ,आँ.प्र.516110 प्रकाशित कृतियाँ : वेदना के शूल कविता संग्रह। विभिन्न पत्रिकाओं में दस से अधिक आलेख । प्रवृत्ति : कविता ,कहानी लिखना, तेलुगु और हिंदी में । डॉ.सर्वेपल्लि राधाकृष्णन राष्ट्रीय उत्तम अध्यापक पुरस्कार प्राप्त एवं नेशनल एक्शलेन्सी अवार्ड। वेदना के शूल कविता संग्रह के लिए सूरजपाल साहित्य सम्मान।