विज्ञान-कविता – मिलता इनसे बहुत आराम
पैदल चलने में हुई मुश्किल,
मैकमिलन ले आए साइकिल.
दूर-दूर करने को सफर,
मोटरकार ले पहुंचे डैम्बलर.
लगी अभी भी ठेलमठेल,
स्टीफेंसन लाए रेल.
पानी में चलने की ठान,
फुल्टन ले आए जलयान.
नभ में भरने लंबी उड़ान,
राइट बंधु लाए विमान.
मन बहलाए सबका कौन,
क्लाइंडर का है ग्रामोफोन.
‘हलो हलो क्यों बैठे मौन
ग्राह्मबैल का बोले टेलीफोन.
जब जी चहे दिल बहलाओ,
मारकोनी का रेडियो चलाओ.
करने बहुत मनोरंजन,
सिनेमा लाए एडीसन.
करने को समाचार पेश,
गटनबर्ग ले आए प्रैस.
पंखे, स्कूटर, टेपरिकॉर्डर,
टी.व्ही., ट्रक, जीप ट्रैक्टर.
तरह-तरह का देते काम,
मिलता इनसे बहुत आराम.
आराम देने वाले वैज्ञानिक आविष्कार और उनके आविष्कारकों के नाम
सर्वोत्तम सामान्य ज्ञान के लिए तुकबंदी ।
विज्ञान के अनेक आविष्कार हमें बहुत आराम देते हैं, पर हमें उनका गुलाम नहीं होना चाहिए. सोच-समझकर उनका प्रयोग करना चाहिए, ताकि न तो हमारे स्वास्थ्य को हानि पहुंचे न देश-समाज को, साथ पर्यावरण भी सुरक्षित रहे.