मधुर मुझे मन मीत मिला
मधुर मुझे मन मीत मिला
उर का सुमन सप्रीत खिला-
कब से थी आकांक्षा आए
कोई मन का सुमन खिलाए
मधु मकरंद सुगंध सुवासित
शीतल पवन पुनीत मिला
मधुर मुझे मन मीत मिला.
एक मदिर-सा झोंका आया
प्रियजन का संदेशा लाया
मन में नव उमंग से पूरित
अनुप्राणित संगीत मिला
मधुर मुझे मन मीत मिला.
मन का सूना था जो कोना
कठिन बहुत था प्रमुदित होना
उसकी एक झलक से मेरे
शून्य हृदय को गीत मिला
मधुर मुझे मन मीत मिला.
चारों ओर बयार सुहावन
लगती है सुखकर मनभावन
जीवन को जीवंत बनाता
सौम्य सुमधुर सुमीत मिला
मधुर मुझे मन मीत मिला.
मधुर मुझे मनमीत मिला ,सुंदर रचना है लीला बहन .
मधुर मीत का मिल जाना अपने आप में एक बड़ा उत्सव है. ऐसे में मन से ‘मधुर मुझे मन मीत मिला’ गीत का प्रस्फुटित होना स्वाभाविक ही है.