गीत/नवगीत

मधुर मुझे मन मीत मिला

मधुर मुझे मन मीत मिला
उर का सुमन सप्रीत खिला-

 

 

कब से थी आकांक्षा आए
कोई मन का सुमन खिलाए
मधु मकरंद सुगंध सुवासित
शीतल पवन पुनीत मिला
मधुर मुझे मन मीत मिला.
एक मदिर-सा झोंका आया
प्रियजन का संदेशा लाया
मन में नव उमंग से पूरित
अनुप्राणित संगीत मिला
मधुर मुझे मन मीत मिला.

 

 

मन का सूना था जो कोना
कठिन बहुत था प्रमुदित होना
उसकी एक झलक से मेरे
शून्य हृदय को गीत मिला
मधुर मुझे मन मीत मिला.
चारों ओर बयार सुहावन
लगती है सुखकर मनभावन
जीवन को जीवंत बनाता
सौम्य सुमधुर सुमीत मिला
मधुर मुझे मन मीत मिला.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

2 thoughts on “मधुर मुझे मन मीत मिला

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    मधुर मुझे मनमीत मिला ,सुंदर रचना है लीला बहन .

  • लीला तिवानी

    मधुर मीत का मिल जाना अपने आप में एक बड़ा उत्सव है. ऐसे में मन से ‘मधुर मुझे मन मीत मिला’ गीत का प्रस्फुटित होना स्वाभाविक ही है.

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