गीतिका
मापनी- 221 2121 1221 212
घर को नये निर्माण दिखाती हैं नारियाँ
हर क्षेत्र में रुझान जगाती हैं नारियाँ।
अरमान से बना के पकवान गा रही
हर पर्व खुशी से बहलाती हैं नारियाँ।
मुश्किल घड़ी लगे तो हिम्मत बढा चली
सबसे कदम मिला समझाती हैं नारियाँ।
रिश्ते निभा मिठास बढ़ाती हैं नारियाँ
दुःख –सुख हुआ सभाल बनाती हैं नारियाँ|
चाहत लिये नवीन गिनाती हैं पारियाँ
हर काम में तरस ना पाती हैं नारियाँ|
रेखा मोहन १६ /१/२०१८