इंतजार
भग्न हृदय
विकल चित्त
अश्रु सलिल से
सींच रहीं
प्रिय-पथ
झूठी आस लिए
मन में
विश्वास लिए
ये गोपी
आज भी खड़ी है
प्रियतम
कृष्ण के
इंतजार में
नादान, नासमझ
नहीं जानती
ये इंतजार है
अनंत……..
भग्न हृदय
विकल चित्त
अश्रु सलिल से
सींच रहीं
प्रिय-पथ
झूठी आस लिए
मन में
विश्वास लिए
ये गोपी
आज भी खड़ी है
प्रियतम
कृष्ण के
इंतजार में
नादान, नासमझ
नहीं जानती
ये इंतजार है
अनंत……..