जल्दी सोना जल्दी जगना
प्यारे चुन्न मुन्न जल्दी आओ, आकर जल्दी सो जाओ
निंदिया रानी तुम्हें बुलाए, सपनों में तुम खो जाओ-
जल्दी सोना जल्दी जगना, बात बहुत ही अच्छी है
जल्दी सोने वाला चुन्न मुन्न, पाता चिजी अच्छी है
सपनों की दुनिया से टॉफी बिस्कुट चमचम ले आओ
प्यारे चुन्न मुन्न जल्दी आओ, आकर जल्दी सो जाओ-
जल्दी सोने वाला बच्चा, राजकुंवर है कहलाता
दिदी का वो प्यारा भैया, राजा भैया कहलाता
पापा के प्यारे बन जाओ, ममी कहती आ जाओ
प्यारे चुन्न मुन्न जल्दी आओ, आकर जल्दी सो जाओ-
कुकड़ू कूं जब मुर्गा बोले, जल्दी से तुम जग जाओ
चूं-चूं-चूं जब चिड़िया बोले, फुर्ती से तुम उठ जाओ
अम्मी दुधू लेकर आई, जल्दी से तुम पी जाओ
प्यारे चुन्न मुन्न जल्दी आओ, आकर जल्दी सो जाओ-
लीला बहन , बाल कविता अछि लगी .
प्रिय गुरमैल भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको रचना बहुत सुंदर लगी. हमेशा की तरह आपकी लाजवाब टिप्पणी ने इस ब्लॉग की गरिमा में चार चांद लगा दिये हैं. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.
सुबह को बतियाना अच्छा लगता है,
सोए हुए को जगाना अच्छा लगता है,
जब याद आती है किसी की,
तो उसे भी अपनी याद दिलाना अच्छा लगता है.