बाल कविताशिशुगीत

जल्दी सोना जल्दी जगना

प्यारे चुन्न मुन्न जल्दी आओ, आकर जल्दी सो जाओ
निंदिया रानी तुम्हें बुलाए, सपनों में तुम खो जाओ-

जल्दी सोना जल्दी जगना, बात बहुत ही अच्छी है
जल्दी सोने वाला चुन्न मुन्न, पाता चिजी अच्छी है
सपनों की दुनिया से टॉफी बिस्कुट चमचम ले आओ
प्यारे चुन्न मुन्न जल्दी आओ, आकर जल्दी सो जाओ-

जल्दी सोने वाला बच्चा, राजकुंवर है कहलाता
दिदी का वो प्यारा भैया, राजा भैया कहलाता
पापा के प्यारे बन जाओ, ममी कहती आ जाओ
प्यारे चुन्न मुन्न जल्दी आओ, आकर जल्दी सो जाओ-

कुकड़ू कूं जब मुर्गा बोले, जल्दी से तुम जग जाओ
चूं-चूं-चूं जब चिड़िया बोले, फुर्ती से तुम उठ जाओ
अम्मी दुधू लेकर आई, जल्दी से तुम पी जाओ
प्यारे चुन्न मुन्न जल्दी आओ, आकर जल्दी सो जाओ-

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

3 thoughts on “जल्दी सोना जल्दी जगना

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    लीला बहन , बाल कविता अछि लगी .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको रचना बहुत सुंदर लगी. हमेशा की तरह आपकी लाजवाब टिप्पणी ने इस ब्लॉग की गरिमा में चार चांद लगा दिये हैं. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.

  • लीला तिवानी

    सुबह को बतियाना अच्छा लगता है,
    सोए हुए को जगाना अच्छा लगता है,
    जब याद आती है किसी की,
    तो उसे भी अपनी याद दिलाना अच्छा लगता है.

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