स्वर बोलते हैं
‘अ’ अनार पर बैठा है,
मन ही मन में ऐंठा है.
‘आ’ ने आम का गुटका खाया,
अटक गया तब आ चिल्लाया.
‘इ’ इमली पर हो सवार,
पहुंची सात समंदर पार.
‘ई’ ने घर में ईख लगाई,
आओ चूसें गन्ने भाई.
‘उ’ ने उल्लू को ललकारा,
भाग गया उल्लू बेचारा.
‘ऊ’ ने ऊन मंगाई है,
काश्मीर से आई है.
‘ए’ कहता है एक कहानी,
एक था राजा एक थी रानी.
‘ऐ’ ने ऐनक को ललकारा,
बंद करो ये गड़बड़झाला.
‘ओ’ ओखल को थेल रहा है,
बैठा-बैठा खेल रहा है.
‘औ’ औरत का बेटा है,
खेल-कूदकर लेटा है.
‘अं’ पर लटक रहे अंगूर,
बैठे खाते हैं लंगूर.
‘अ:’ को कौन यहां पर लाया,
नहीं समझ में मेरी आया.
(रुचिपूर्वक स्वर क्रम से याद करवाने हेतु बच्चों के लिए, बाल गीत)
रुचिपूर्वक स्वर क्रम से याद करवाने हेतु बच्चों के लिए यह बाल गीत अत्यंत लोकप्रिय हुआ.