कविता

रूह में तस्वीर उतर जाए

बदली के स्याह काले
रेशमी बालों ने
चाँद को ढँक लिया
महक महक गया चाँद
आज बहुत करीब था
बैचेन थीं उसकी धड़कन
निगाहों से लिख रहा था
दिल पर कोई नज़्म
लग रहा था
कर दिए सारे अलंकार
समर्पित गीतिका को
ये पल बेहद खूबसूरत थे
जिन्हें वक्त भी सहेजना
चाहता है
स्मृतियां दीवानी होजाएँ
हवाएं तरुण होजाएँ
कर आलिंगन
खुशबुएँ हो जाएं समृद्ध
फूल खिलकर
खुलकर मुस्कुराएं
ज़िन्दगी में प्राण ढल जाएं
बहक बहक जाएं
पैर तमन्नाओं के
उम्मीद सँवर सँवर  जाएं
रोशन हो जाएं
दिल के रेशे रेशे
साँसों की डोर
थमी सी रह जाएं
उस पल को
क़ैद करें कल्पनाएं
रूह में तस्वीर उतर जाएं

रागिनी स्वर्णकार (शर्मा), इंदौर

रागिनी स्वर्णकार (शर्मा)

1- रचनाकार का पूरा नाम- श्रीमती रागिनी स्वर्णकार (शर्मा) 2- पिता का नाम-श्री पूरन चंद सोनी 3- माता का नाम -श्रीमती पार्वती 4- पति / पत्नी का नाम- श्री अरुण शर्मा 5- वर्तमान/स्थायी पता -डायमंड रेजीडेंसी, a सेक्टर सिलिकॉन सिटी राऊ ,इंदौर ,जिला-इंदौर मध्यप्रदेश 6- फोन नं/वाट्स एप नं. - 9754835741 7- जन्म / जन्म स्थान-बेगमगंज ,जिला- रायसेन जन्मतिथि 01,/05/1970 8- शिक्षा /व्यवसाय- बी.एस-सी.,एम .ए.(हिंदी,इंग्लिश) एम.एड. 9- प्रकाशित रचनाओं की संख्या-- 300 रचनाएँ प्रकाशित 10- प्रकाशित रचनाओं का विवरण । (लगभग 300 रचनाएँ समाचार पत्र ,संचार एक्सप्रेस ,निशात टाईम्स ,रीडर एक्सप्रेस भोपाल, लोकजंग भोपाल,दैनिक भास्कर भोपाल,देशबन्धु भोपाल ,से प्रकाशित हो चुकी हैं ) संकल्प शालेय पत्रिका का 7 वर्ष से सम्पादन