लघुकथा

भ्रष्टाचार

भ्रष्टाचार के विरोध में नेता जी का अनशन जारी था और भ्र्ष्टाचार से त्रस्त जनता तन-मन-धन से उनके साथ खड़ी थी । मन में नेता जी से मिलने की आस लिए और एक अदद फोटो खिचवाने की चाह से विवेक भी भीड़ का हिस्सा बन गया । पर विशाल भीड़ में उन तक पहुंचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था । उनके समर्थक उनको चारो ओर से घेरे खड़े थे । अब ऐसे में उनसे मिलना एक सपने जैसा ही था । तभी एक आइडिया दिमाग में कुलबुलाया । सरकते-सरकते विवेक उनके सुरक्षा गार्ड तक जा पहुंचा और ५०० का नोट उसके हाथो में सरकते हुए बोला ‘ अरे भैया, नेता जी के चरण स्पर्श करना चाहता हूँ । अब मना मत करना । नोट की गर्मी अपने हाथों में महसूस करते हुए सुरक्षा गार्ड भी मुस्कुरा दिया और कुछ ही पलों में, विवेक अपने बुद्धि और विवेक के बल पर भ्रष्टाचार के विरोध में युद्ध लड़ रहे नेता जी के चरणों में अपना सिर रखे उनके साथ फोटो खिंचवा रहा था ।

अंजु गुप्ता

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed