कविता

जिंदगी….

जिंदगी देती रहती है
वक्त-बेवक्त हर किसी को
उसके हिस्से की खुशियाँ औ’ गम
कभी दर्द भरी सिसकियाँ
तो कभी खुशियों का खिलता कमल

पर हर कोई पुरजोर कोशिश करता
बुरे वक्त के चंगुल से निकल
करें खुशियों का नए सिरे से संचार
ताकि बढ़ती रहे जिंदगी की रफ्तार

इसलिए लड़ता है वो निरन्तर
परिस्थितियों के दांव-पेंच से
सहनशीलता की हद तक

इसलिए, कभी विजय भी हो जाता
तो कभी हालातों से हारकर
कमजोर निढाल भी पड़ जाता

आखिर,
दर्द भी तो एक जैसे नहीं होते
हर रिश्ते की चुभन
जज्बातों की गहराईयों पर
दर्द का पैमाना निश्चित करता।

*बबली सिन्हा

गाज़ियाबाद (यूपी) मोबाइल- 9013965625, 9868103295 ईमेल- [email protected]

One thought on “जिंदगी….

  • लीला तिवानी

    प्रिय सखी बबली जी, अत्यंत सटीक व सार्थक सृजन के लिए आप बधाई की पात्र हैं.

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