क्षणिका ऊँचे प्रवीण माटी 06/05/201808/05/2018 ऊँची ईमारतें ऊँचे लोग जमीन पर रह गये बस भूखे लोग चढावा सोने-चांदी का अष्ट मिठाई का भोग पेड़ियों पर बैठे रहते लाचार, कुष्ठ रोग