यक़ीनन आपकी शुभकामनाओं का असर है ये…
यक़ीनन आपकी शुभकामनाओं का असर है ये
मिली है मंजिलें केवल दुआओं का असर है ये
अचानक ख़ुशबुओं से हो गयी हर साँस तर मेरी
उन्ही का गात छू आई हवाओं का असर है ये
दिखाई दे रहा है रब हमें बेजान पत्थर भी
अकीदत का असर है आस्थाओं का असर है ये
जिन्हें मुद्दत हुई छूटे वही गलियाँ लगीं अपनी
जो तुमने दी मुझे दिल से सदाओं का असर है ये
न थी उन्मीद जिसके लौटने की लौट आया वो
मुहब्बत का मेरी सच्ची वफ़ाओं का असर है ये
तुम्हें जब देखता हूँ तो ज़माना भूल जाता हूँ
तुम्हारे हुस्न का रंगीं अदाओं का असर है ये
जहाँ भी देखिये नफ़रत जहाँ भी देखिये दंगा
सियासत के दिये नकली ख़ुदाओं का असर है ये
सतीश बंसल
०९.०६.२०१८