भारत होगा रंग-बिरंगा
आओ अपने देश की तुमको, कुछ-कुछ बात बताएं,
भारत इसका नाम है प्यारा, इसकी कथा सुनाएं,
इसी देश में सबसे पहले, गूंजा गीता-ज्ञान था,
रामायण-से ग्रंथ के कारण जग में इसका मान था.
वीर थे बाल-युवा-वृद्ध इसके, भारतवासी प्यारे,
इनके साहस की गाथा से, धन्य देश के धारे,
झांसी की रानी ने इसका, जग में ऊंचा मान किया,
भारत कोकिल सरोजिनी ने, कोकिल जैसा गान किया.
सीता ने निज आदर्शों से, इसका ऊंचा भाल किया,
पुतलीबाई ने भारत को, गांधी जैसा लाल दिया,
तिलक-गोखले-से पूतों ने, चमकाया है इसका नाम.
वीर सुभाष ने कर दिखलाए, जग में ऊंचे-ऊंचे काम
पर्वतराज हिमालय से है, पाया इसने दृढ़ विश्वास,
गंगा-यमुना-सी नदियों से, पूरी होती इसकी प्यास,
आओ इस पावन बेला में, फहराएं हम आज तिरंगा,
इस झंडे जैसा ही अपना, भारत होगा रंग-बिरंगा
निश्चित ही … यह संकल्प हम सबका!
प्रिय जवाहर लाल सिंह भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको लघुकथा बहुत अच्छी लगी. आपने बिलकुल दुरुस्त फरमाया है. यह हम सबका संकल्प है. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.
भारत मां हम लाल हैं तेरे,
तेरी लाज बचाएंगे,
हाथ में लेकर आज तिरंगा,
शांति का बिगुल बजाएंगे.